ग्रामीण क्षेत्रों में खेल और शिक्षा सुविधाएं
Rural Education India
ग्रामीण क्षेत्रो में खेल और शिक्षा सुविधाएं पर सरकार स्टूडेंट्स को प्रमोट कर रही हैं ग्रामीण शिक्षा में खेल का बहुत महत्व हैं खेल -खेल में शिक्षा ही सरकार का मुख्य उद्देश्य हैं।
जीवन में खेल मानव शरीर की विशेष आवस्यकता हैं इसी प्रकार जब कोई छोटा बच्चा विस्तर पर लेट कर अपने हाथ पैर चलता हैं वह अपनी कसरत करता रहता हैं ठीक उसी प्रकार हम को भी सवस्थ जीवन जीने के लिए अपनी दिनचर्या में व्यायाम को अपनाना चाहिए खेल मानव जीवन की सभी कसरतों की पूर्ति करता हैं चाहे वो मानसिक हो या फिर शारीरिक यदि कोई व्यक्ति खेल खेलता हैं तो निरोगी रह सकता हैं।
जीवन में खेल मानव शरीर की विशेष आवस्यकता हैं इसी प्रकार जब कोई छोटा बच्चा विस्तर पर लेट कर अपने हाथ पैर चलता हैं वह अपनी कसरत करता रहता हैं ठीक उसी प्रकार हम को भी सवस्थ जीवन जीने के लिए अपनी दिनचर्या में व्यायाम को अपनाना चाहिए खेल मानव जीवन की सभी कसरतों की पूर्ति करता हैं चाहे वो मानसिक हो या फिर शारीरिक यदि कोई व्यक्ति खेल खेलता हैं तो निरोगी रह सकता हैं।
ग्रामीण क्षेत्रो में शिक्षा के माध्यम से बच्चो को खेल खेल में शिक्षा ही सरकार की महत्वकांक्षा हैं जिससे की ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले गरीव छात्रों को भी खेल खेलने का अवसर प्राप्त हो और वह अपनी प्रतिभाओ को बाहर निकाल सके और अपने हुनर को बता सके।
ग्रामीण स्तर पर बच्चे खेल तो सकते हैं पर आज इस बढ़ती आबादी के कारण शहरो में ग्राउंड की कमी आती जा रही हैं जिससे बच्चो को खेलने के लिए जगह नहीं बच पा रही हैं और बच्चे अपना समय मोबाईल और टी बी देख कर खराब कर रहे हैं आज बच्चो के सामने खेलने की बहुत समस्या हैं पालक बच्चो को ज्यादा देर अकेले नहीं छोड़ सकते क्यों की जमाना खराव हैं और पालक भी यही चाहते हैं की बच्चा घर पर रहे चाहे वह कुछ भी न करे या फिर मोबाईल ही क्यों न चलाये लेकिन उसको हम मना नहीं करेंगे क्यों की वह घर पर ही हैं।
ग्रामीण क्षेत्रो में खेलना बहुत आसान हैं क्यों की छोटा सा गांव और सभी लोग जान पहचान के यदि बच्चा बहार भी रहेगा तो भी सबकी नजर में रहेगा क्योकि सब एक दूसरे को जानते हैं और ग्रामीण क्षेत्रो में मैदान की भी कोई कमी नहीं होती खूब मैदान होता हैं बच्चे खूब खेले हैं। कोई रोक छेड़ भी नहीं होती हैं।
ग्रामीण क्षेत्रो में खेल खेलने के लिए बहुत मैदान होता हैं जिससे कई प्रकार के खेल खेले जा सकते हैं।
जैसे -
कबड्डी
खो-खो
वाहलीवाल
किर्केट
बैडमिंटन
फुटवाल
जिम्नास्टिक
इसके आलावा और भी कई प्रकार के स्थानीय खेल होते हैं जो बच्चे खेल सकते हैं आउटडोर एवं इनडोर दोनों प्रकार के खेलो में ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चे माहिर होते हैं लेकिन इनको ग्रामीण क्षेत्रो से ऊपर उठाने की आवस्यकता होती हैं लेकिन मुफ्त में ये काम कोई नहीं करता लेकिन गांव का शिक्षक यदि उसके स्कूल में व्यवस्था हैं तो वह इस काम को अंजाम तक पंहुचा सकता हैं और इन बच्चो का भविष्य बना सकता हैं।
ग्रामीण क्षेत्रो में मिडिल स्कूल एवं प्राइमरी स्कूल होते हैं जो की छोटे होते हैं इनमे इतनी सुविधाय होना संभव नहो हो पाता फिर भी शिक्षाक के प्रयासों से ये काम किया जा सकता हैं। ग्राम पंचायत भी इन प्रतिभाओं को पंचायत के सहयोग से और ग्रामीणों के सहयोग से इन दायित्वों को पूरा किया जा सकता हैं।
विद्यार्थियों के लिए खेल अनिवार्य-शिक्षा के माध्यम से विद्यार्थियों के लिए खेल अनिवार्य कर दिया गया हैं सरकार ने प्राइमरी से लेकर कॉलेज तक शिक्षा के साथ खेल को भी अनिवार्य कर दिया हैं क्योकि खेल से अनुशासन और एकाग्रता भाईचारा शारीरिक विकास के साथ बच्चा अच्छी आदतों के गुण सीखता हैं।
खेलो से अनेकों बीमारियाँ दूर होती -
खेल हमारे शारीरिक व्यायाम और मानसिक विकास के लिए सबसे आसान और सरल तरीक हैं नियमित रूप से खेल खेलने से हमें कई बीमारियों से छुटकारा मिलता हैं मोटापा ,ह्रदय रोग ,अधिक बजन बढ़ने से हमारे शरीर की रक्षा होती हैं। सरकार द्वारा बच्चो को खेल के प्रति जागरूक करना और उनके नियमो का पालन करना और हमारे शरीर में होने बाले फायदे के बारे बच्चो को अवगत कराना प्राचीन खेलो की अपेक्षा आज के दौर में खेलो का स्कोप बहुत ज्यादा हैं अब बच्चे राष्टीय और अंतर् राष्टीय खेलने तक जा सकते हैं और जीतने बाले खिलाडी को सम्मान सुविधाएं और नौकरी भी दी जाती हैं।
खेलो का स्तर और देश भावन -
खेलों के आयोजनों पर भारी भरकम राशि खर्च की जाती हैं। इसलिए अपनी अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए विश्व का प्रत्येक देश अपने देश में खेलों के आयोजन कराने के लिए तैयार रहता है। जब किसी भी देश में खेल खेले जाते हैं। तो उसे देखने के लिए देशवासी काफी उत्साहित होते हैं। और अपने देश के खिलाड़ियों को मेडल जीत कर लाने के लिए भगवान से प्रार्थना करते हैं। देश के खिलाड़ियों द्वारा मेडल जीतने पर देश वाशियो को गर्व का अनुभव होता है। तथा इससे प्रत्येक देशवासी के मन में देशभक्ति की भावना विकसित होती है।
स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मन -
खेलो के बारे कहा जाता हैं की ,स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मन का निवास होता हैं , इसका अर्थ होता हैं की जीवन में आगे बढ़ने के लिए एक स्वस्थ शरीर और विकसित मन का होना आवश्यक होता हैं किसी भी कार्य को करने के लिए उसको उद्देश्य मान कर कार्य किया जाये तो उसमे सफलता मिलती हैं खेल खेलना आत्मविश्वास ओर एकाग्रता को बढ़ाता हैं जिससे लक्ष्य प्राप्ति आसानी से होती हैं जिसके अनुभव हेम जीवन में भी काम आते हैं।
निष्कर्ष -
स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मन -
खेलो के बारे कहा जाता हैं की ,स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मन का निवास होता हैं , इसका अर्थ होता हैं की जीवन में आगे बढ़ने के लिए एक स्वस्थ शरीर और विकसित मन का होना आवश्यक होता हैं किसी भी कार्य को करने के लिए उसको उद्देश्य मान कर कार्य किया जाये तो उसमे सफलता मिलती हैं खेल खेलना आत्मविश्वास ओर एकाग्रता को बढ़ाता हैं जिससे लक्ष्य प्राप्ति आसानी से होती हैं जिसके अनुभव हेम जीवन में भी काम आते हैं।
निष्कर्ष -
भारतीय एथलीट हर राष्ट्रीय और अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर खेलों में अपनी भागीदारी दिखा रहे हैं और लगातार अपने आप को प्रतियोगिता में कड़ी मेहनत कर रहे हैं और सफलता भी पा रहे हैं। भारतीय खिलाड़ियों ने पिछले ओलंपिक खेलों में बहुत कम स्वर्ण पदक जीते थे। लेकिन उनके खेल में कहीं भी साहस और उत्साह की कमी नहीं दिखी भारत हाॅकी, कुश्ती, क्रिकेट आदि कई खेलों में अग्रणी है आजकल खिलाड़ियों के चुनाव का तरीका बिना भेदभाव वाला हो गया है पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन हो गई हैं। बेहतरीन खिलाड़ी का चुनाव उन विद्यार्थियों में से किया जाता हैं। जो स्कूली स्तर और राज्य स्तर पर बहुत अच्छा खेलते हैं। वर्तमान में भारत में खेलों की स्थिति में बहुत फेर बदल हुआ हैं। यह लोकप्रियता और सफलता पाने का शानदार क्षेत्र है। इसलिए इसको शिक्षा से जोड़ा गया हैं।यदि कोई अच्छा खेल खेलता है। तो उसके लिए शिक्षा की आवश्यकता नहीं है। या यदि कोई पढ़ने में अच्छा है। तो जरुरी नहीं की वह खेलो में भी अच्छा हो अपनी -अपनी रूचि के हिसाब से खेलों में शामिल हो सकता हैं । इसका अर्थ यह है कि कोई भी व्यक्ति खेलों में भाग ले सकता हे, चाहे वह शिक्षित हो या अशिक्षित, खेल और शिक्षा एक दूसरे के पूरक हैं।
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