भारत का राष्ट्रगान, हिन्दी में - National Anthem of India in hindi
देवनागरी लिपि
''हिन्दी में भारत का राष्ट्रगान,,
जन गण मन-अधिनायक जय हे।
भारत भाग्य विधाता!
पंजाब सिन्धु गुजरात मराठा
द्राविड़ उत्कल बंग
विन्ध्य हिमाचल यमुना गंगा
उच्छल जलधि तरंग
तव शुभ नामे जागे,
तव शुभ आशिष मागे,
गाहे तव जयगाथा।
जनगण मंगल दायक जय हे
भारत भाग्य विधाता!
जय हे, जय हे, जय हे,
जय जय जय जय हे।।
राष्ट्रीय गान किसने लिखा और कब-
जन गण मन, भारत का राष्ट्रगान है जो मूलतः बंगाली में गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर द्वारा लिखा गया था। भारत का राष्ट्रीय गीत वन्दे मातरम् है। राष्ट्रगान के गायन की अवधि लगभग ५२ सेकेण्ड है।
राष्ट्रगान हिंदी है-
रवींद्रनाथ टैगोर द्वारा मूल रूप से बंगाली में रचित जन-गण-मन गीत को 24 जनवरी 1950 को भारत के राष्ट्रगान के रूप में संविधान सभा द्वारा इसके हिंदी संस्करण में अपनाया गया था
हम राष्ट्रगान क्यों गाते हैं-
ये एक ऐसा गाना है जो किसी भी देश के इतिहास और परंपरा को दर्शाता है. ये देश को एक अलग पहचान के साथ सभी देशवासियों को एकजुट भी करता है,
राष्ट्रगान के पांचो पद इस प्रकार हे-
जन गण मन-अधिनायक जय हे,
भारत भाग्यविधाता।
पंजाब सिन्धु गुजरात मराठा,
द्राविड़ उत्कल बंग,
विन्ध्य हिमाचल यमुना गंगा,
उच्छल जलधितरंग,
तव शुभ नामे जागे,
तव शुभ आशिष मागे,
गाहे तव जयगाथा,
जनगण मंगलदायक जय हे,
भारत भाग्यविधाता,
जय हे, जय हे, जय हे,
जय जय जय जय हे।
अहरह तव आह्वान प्रचारित,
शुनि तव उदार बाणी,
हिन्दु बौद्ध शिख जैन पारसिक ,
मुसलमान खृष्टानी,
पूरब पश्चिम आसे,
तव सिंहासन-पाशे,
प्रेमहार हय गाँथा।
जनगण-ऐक्य-विधायक जय हे ,
भारतभाग्यविधाता,
जय हे, जय हे, जय हे,
जय जय जय जय हे।।
पतन-अभ्युदय-वन्धुर पन्था,,
युग युग धावित यात्री।
हे चिरसारथि, तव रथचक्रे,
मुखरित पथ दिनरात्रि।
दारुण विप्लव-माझे,
तव शंखध्वनि बाजे।
संकटदुःखत्राता,,
जनगणपथपरिचायक जय हे,
भारतभाग्यविधाता,,
जय हे, जय हे, जय हे,
जय जय जय जय हे।।
घोरतिमिरघन निविड़ निशीथे,
पीड़ित मूर्छित देशे।
जाग्रत छिल तव अविचल मंगल,
नतनयने अनिमेषे।
दुःस्वप्ने आतंके रक्षा करिले अंके
स्नेहमयी तुमि माता।
जनगणदुःखत्रायक जय हे,
भारतभाग्यविधाता।
जय हे, जय हे, जय हे,
जय जय जय जय हे।।
रात्रि प्रभातिल, उदिल रविच्छवि,
पूर्व-उदयगिरिभाले।
गाहे विहंगम, पुण्य समीरण,
नवजीवनरस ढाले।।
तव करुणारुणरागे,
निद्रित भारत जागे,
तव चरणे नत माथा,
जय जय जय हे,
जय राजेश्वर भारतभाग्यविधाता!
जय हे, जय हे, जय हे,
जय जय जय जय हे।।
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