01 नवंबर 2019 मध्य प्रदेश का 64 वां स्थापना दिवस

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01 नवंबर 2019 मध्य प्रदेश का 64 वां स्थापना दिवस

01 नवंबर 2019 मध्य प्रदेश का 64  वां स्थापना दिवस


        मध्य प्रदेश 01 नवंबर 2019 को अपना 64वां स्थापना दिवस मनाने जा रहा है। इस उपलक्ष्य में पूरे प्रदेश भर में विभिन्न तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है।
       मध्य प्रदेश के स्थापना दिवस (एक नवंबर) की पूर्व संध्या के दौरान मध्य प्रदेश के समस्त शासकीय एवं अशासकीय सभी सस्थानोँ  में कार्यक्रम किया जबेगा 


मध्य प्रदेश के अस्तित्व का सच-
        भोपाल आज मध्य प्रदेश का 64  वां स्थापना दिवस है।   मध्य प्रदेश 1 नवंबर 1956 को अस्तित्व में आया मध्य प्रदेश कभी मध्य भारत में आता था।  लेकिन 15 अगस्त 1947 को आजादी मिलने के बाद देश की सभी रियासतों को स्वतंत्र भारत में मिलाकर एकीकृत किया गया।  जिसके बाद 1 नवंबर 1956 को मध्य भारत पूरे देश में मध्य प्रदेश के तौर पर जाना जाने लगा।  मध्य प्रदेश के गठन के बाद प्रदेश की राजधानी को लेकर देश के तमाम नेताओं ने तत्कालीन प्रधानमंत्री पं. जबाहर लाल नेहरू को इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर के नाम सुझाए, लेकिन इन सब के बीच नेहरू को भोपाल काफी पसंद था. जिसके चलते मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल चुना गया। 

       '26 जनवरी, 1950 को संविधान लागू हुआ' इसके बाद सन् 1951-1952 में देश में पहले आम चुनाव कराए गए। जिसके कारण संसद एवं विधान मण्डल कार्यशील हुए। प्रशासन की दृष्टि से इन्हें श्रेणियों में विभाजित किया गया। सन् 1956 में राज्यों के पुर्नगठन के फलस्वरूप 1 नवंबर, 1956 को नए राज्य के रूप में मध्य प्रदेश का निर्माण हुआ। इस प्रदेश का पुर्नगठन भाषीय आधार पर किया गया था। इसके घटक राज्य मध्य प्रदेश, मध्य भारत, विन्ध्य प्रदेश एवं भोपाल थे जिनकी अपनी विधानसभाएं थीं। इस राज्य का निर्माण तत्कालीन सीपी एंड बरार, मध्य भारत, विंध्यप्रदेश और भोपाल राज्य को मिलाकर हुआ। यह भारत के मध्य में होने के कारण इसे पहले मध्य भारत के नाम से भी जाना जाता था।
मध्य प्रदेश का  स्थापना दिवस




भोपाल को राजधानी के रूप में चुना गया-
       1 नवंबर, 1956 को प्रदेश के गठन के साथ ही इसकी राजधानी औऱ विधानसभा का चयन भी कर लिया गया। भोपाल को मध्य प्रदेश की राजधानी के रूप में चुन लिया गया। राजधानी बनने के बाद 1972 में भोपाल को जिला घोषित कर दिया गया। मध्य प्रदेश के गठन के समय कुल जिलों की संख्या 43 थी। आज मध्य प्रदेश में कुल 52 जिले हैं।

राजधानी को लेकर इन शहरो में टक्क्र -
          राजधानी को लेकर इन शहरो में टक्क्र थी , सबसे पहला नाम ग्वालियर फिर इंदौर का गूँज रहा था इसके साथ ही राज्य पुनर्गठन आयोग ने राजधानी के लिए जबलपुर का नाम भी सुझाया था लेकिन भोपाल में भवन ज्यादा थे, जो सरकारी कामकाज के लिए उपयुक्त थे। इसी वजह से भोपाल को मध्य प्रदेश की राजधानी के तौर पर चुना गया था। भोपाल के नवाब तो भारत से संबंध ही रखना नहीं चाहते थे, वह हैदराबाद के निजाम के साथ मिलकर भारत का विरोध करने लगे थे। देश के हृदय स्थल में राष्ट्र विरोधी गतिविधियों को रोकने के लिए भोपाल को ही मध्य प्रदेश की राजधानी बनाने का निर्णय लिया गया

           विकास एक निरंतर प्रक्रिया है और प्रदेश की स्थापना के समय से ही सभी ने अपनी-अपनी समझ और क्षमता के अनुरूप मध्य प्रदेश के विकास में योगदान किया है। मध्यप्रदेश भारत ही नहीं, बल्कि विश्व के सबसे विकसित,सशक्त,सक्षम,समृद्ध और अग्रणी राज्यों में शामिल हो इसके लिए निरंतर प्रयास किये जा रहे है ।   हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी मध्य प्रदेश 01 नवंबर को स्थापना दिवस मनाया जा रहा है।

मध्य प्रदेश के स्कूलों में कार्यक्रम -
           मध्य प्रदेश 01 नवंबर 2019 को अपना 64वां स्थापना दिवस मनाने जा रहा है। इस उपलक्ष्य में पूरे प्रदेश भर में के समस्त शासकीय एवं अशासकीय सभी शिक्षण सस्थानोँ  में कार्यक्रम किया जबेगा। स्कूलों  के बच्चो के द्वारा   विभिन्न तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जा जायगा।
मध्य प्रदेश का  स्थापना दिवस

        RuralEducationIndia.com मध्य प्रदेश  के 64 वे स्थापना दिवस पर समस्त प्रदेशवासियों को शुभकामनायें प्रेषित करता है।

अंग्रेजी में देखने के लिए किल्क करे।



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