हिंदी कहानी
मूर्खों को सलाह नहीं देनी चाहिए
don't give advice to fools
Hindi Story
बहुत समय पहले की बात है। नर्मदा नदी के तट पर एक विशाल वृक्ष था। उस पर बड़ी संख्या में पक्षी पकड़े गए। पेड़ इतना घना था कि भारी बारिश में भी घोल का कुछ भी खराब नहीं हुआ।
एक दिन भारी मानसूनी वर्षा हुई। वह घंटों रुकने का नाम ही नहीं ले रही थी। बारिश के साथ तेज हवाएं भी चलीं। तभी बंदरों का झुंड वहां पहुंच गया। बंदर भीगे हुए थे और ठंडी हवा से कांप रहे थे।
घोंसलों में बैठे पक्षियों ने बंदरों की यह हालत देखी। तभी एक चिड़िया नीचे आई और बंदर से बोली, “तुम्हें हर बार बरसात के मौसम में इस तरह क्यों परेशान होना पड़ता है? हमारी तरफ देखिए, हमने अपने ग़ुलाम तो घास-फूस लाकर ही बनाए हैं और आज हम बारिश में भी सुरक्षित हैं।
लेकिन भगवान ने आपको दो हाथ और दो पैर दिए हैं, जिनका इस्तेमाल आप इधर-उधर से कूदने और खेलने के लिए करते हैं। आप अपने लिए एक घर क्यों नहीं बनाते, जो बारिश और धूप में रक्षा खो देगा
यह सुनकर बंदर भड़क गया। उसे लगा कि यह पक्षी हमारे बारे में इस तरह कैसे बात कर रहा है। बंडारो को लगा कि ये पंछी हमें अपने ग़ुलामों में पढ़ा रहे हैं। "बारिश को रुकने दो, फिर हम उन्हें सबक सिखाएंगे।" सम्राट के प्रमुख ने कहा।
जैसे ही बारिश रुकी, सभी बंदर पेड़ पर चढ़ गए और घोलों को नष्ट कर दिया। घोल में टूटे अंडे। अब घोसलो पेड़ पर नहीं रहे। नतीजा यह हुआ कि पक्षियों ने इधर-उधर उड़कर जान बचाई
इसलिए कहा जाता है कि सलाह हमेशा बुद्धिमानों को ही देनी चाहिए, और जब मांगा जाता है। मूर्खों को कभी सलाह नहीं देनी चाहिए।
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