घुङसबार और चालाक बुडिया - हिंदी कहानी

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घुङसबार और चालाक बुडिया - हिंदी कहानी

 हिंदी कहानी 

घुङसबार और चालाक बुडिया 

Hindi Story

cunning and cunning buddies kahani 

एक बहुत ही बूढ़ी और गरीब महिला सिर पर सामान लेकर कई दिनों से गांव-गांव घूम रही थी। भारी बोझ के कारण वह थोड़ी दूरी तय करती थी। एक बार एक घुड़सवार उसके पास से गुजरा

हिंदी कहानी   घुङसबार


बुढ़िया ने उससे अपना सामान अपने घोड़े पर सवार होकर अगले गाँव ले जाने के लिए कहा। लेकिन घुड़सवार ने यह कहते हुए मना कर दिया कि तुम धीरे चलोगे और मुझे काफी देर हो जाएगी। मुझे बहुत दूर जाना है

थोड़ी दूर जाने के बाद घुड़सवार के दिमाग में यह आया कि बुढ़िया के पास सामान हो सकता है और वह उसे लेकर भाग सकती है। यह सोचकर वह बूढ़ी औरत के पास लौट आया और कहा, "लाओ, घोड़े पर गठरी डाल दो।

लेकिन बुढ़िया ने मना कर दिया। इस पर घुड़सवार ने क्रोधित होकर कहा, ''थोड़ी देर पहले तुम मुझसे यह गट्ठर लेने को कह रहे थे और अब मना कर दो। आपने अपना विचार क्यों बदला?" इस पर मुस्कुराती हुई बुढ़िया ने जवाब दिया, तुम्हें किसने बदला। "यह कहते हुए बुढ़िया आगे बढ़ी"

सारांश:  यह कहानी आपके व्यवहार पर आधारित हो सकती  है, अपने विचार व्यक्त करें।  इस कहानी पर एक बूढ़ी और गरीब महिला एक गांव से दूसरे गांव जाती है। वह एक ऐसे आदमी से मिलती है जिसके पास एक घोड़ा है।

वह इस आदमी से घोड़े पर अपनी वस्तु लादने के लिए कहती है लेकिन पहला आदमी हाँ कहने के बाद नहीं कहता है। इस कहानी के बारे में अपने विचार अंग्रेजी में कमेंट करें।

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